पाकिस्तान में समय-समय पर बहुमूल्य धातुओं, खासकर सोने और तांबे के बड़े भंडार मिलने के दावे सामने आते रहते हैं. 2015 में, वज़ीर ए आलम (प्रधानमंत्री) नवाज शरीफ ने पंजाब के चिनियोट क्षेत्र में लोहे, तांबे और सोने के विशाल भंडार मिलने की घोषणा करते हुए कहा था कि इससे देश में समृद्धि आएगी. हाल ही में, पंजाब के खनन मंत्री शेर अली गोरचानी ने दावा किया कि अटक जिले में 700 अरब पाकिस्तानी रुपये के सोने के भंडार मौजूद हैं. उनके अनुसार, 32 किलोमीटर के इलाके में 28 लाख तोले सोना है.
इसी तरह, पाकिस्तान के पूर्व खनन मंत्री इब्राहिम हसन मुराद ने भी अटक में सोने की मौजूदगी की पुष्टि की थी. उन्होंने बताया कि सिंध और काबुल नदियों के संगम पर सोने के भंडार होने की सूचना पर खुदाई रोकी गई थी. पेट्रोलियम मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वाह में 1.6 अरब टन सोने के भंडार मौजूद हैं. बलूचिस्तान का रेकोडिक प्रोजेक्ट, जिसमें बड़े स्तर पर सोना और तांबा मिलने की संभावना है, 2028 तक उत्पादन शुरू कर सकता है. यहां हर साल 8-10 टन सोने के उत्पादन की संभावना है. बता दें कि बलूचिस्तान के सेंदक प्रोजेक्ट में भी सोने और तांबे की खदानों पर चीन की कंपनियां काम कर रही हैं. सेंदक की दक्षिणी खदान में 7.58 करोड़ टन खनिज भंडार हैं, जिनसे सालाना 1150 किलोग्राम सोना और 15,000 टन तांबा निकाला जा सकता है.
पंजाब के चिनियोट क्षेत्र में भी लोहे और तांबे के भंडार की पुष्टि हुई थी. विशेषज्ञों ने बताया कि यहां 261.5 मिलियन टन उच्च गुणवत्ता का लोहा और 36.5 मिलियन टन तांबा मौजूद है. हालांकि, यहां से सोने की मात्रा का अनुमान नहीं लगाया गया. पाकिस्तान प्रशासित गिलगित-बाल्टिस्तान, खैबर पख्तूनख्वाह और सिंध में भी सोने और अन्य धातुओं की खोज के प्रयास जारी हैं. गिलगित के पहाड़ी इलाकों और सिंधु नदी के किनारे प्लेसर गोल्ड (नदियों से मिलने वाला सोना) की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। हालांकि, यह भंडार छोटे पैमाने पर हैं और औद्योगिक स्तर पर इन्हें निकालना अभी चुनौतीपूर्ण है. डॉक्टर एहतेशाम इस्लाम और प्रोफेसर अदनान खान जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में तांबे और सोने की खदानें तो हैं, लेकिन वहां से सोने की मात्रा बेहद कम निकलती है. इसके विपरीत, बलूचिस्तान के चागी इलाके में सोने का अनुपात बेहतर है. देश में खनिज खोज और खनन उद्योग के बीच सहयोग की कमी के कारण कई भंडार अभी तक व्यावसायिक रूप से उपयोग में नहीं लाए जा सके हैं. पाकिस्तान में अधिकतर खनिजों की खोज अब तक अनौपचारिक तरीकों से ही हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन परियोजनाओं पर गंभीरता से काम किया जाए तो यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं.