बिहार के अररिया जिले के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां महज 2000 रुपये की नेग न देने पर एक नवजात की जान चली गई. इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, और दोषी स्टाफ पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है. मामला अररिया जिले के महलगांव थाना क्षेत्र के बेगना गांव का है. पीड़ित प्रीतम विश्वास ने बताया कि 18 जनवरी की दोपहर चार बजे उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को डेलीवरी के लिए जीएमसीएच में भर्ती कराया था. प्रसव के बाद ड्यूटी पर तैनात नर्स ने 2000 रुपये की मांग की, लेकिन परिवार के पास इतनी रकम नहीं थी. उन्होंने 100 रुपये देने की पेशकश की, जिसे नर्स ने ठुकरा दिया. आरोप है कि नर्स ने नवजात को परिवार को सौंपने के बजाय कपड़े में लपेटकर टेबल पर रख दिया और वहां से चली गई. परिवार ने किसी तरह दोस्तों से कर्ज लेकर 2000 रुपये की व्यवस्था की और नर्स को देने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. करीब आधे घंटे बाद जब परिवार ने बच्चे को उठाकर डॉक्टर के पास ले जाने की कोशिश की, तो उसकी हालत नाजुक हो चुकी थी. डॉक्टर ने नवजात को मृत घोषित कर दिया. इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया और गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला. बता दें कि घटना की गंभीरता को देखते हुए जीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. भरत कुमार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पीड़ित परिवार ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी नर्स पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.इस दर्दनाक घटना ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकारी अस्पतालों में मरीजों से अवैध रूप से पैसे वसूलने के मामले अक्सर सामने आते हैं, लेकिन इस बार इसकी कीमत एक मासूम की जान लेकर चुकानी पड़ी. पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है, जबकि आम जनता भी दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रही है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है.