बिहार के रोहतास जिले के जमुहार में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है, जो वास्तुकला के लिहाज से अयोध्या के राम मंदिर से मेल खाता है. यह मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन रहा है और स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल है. इस मंदिर का निर्माण पिछले कुछ वर्षों से चल रहा था और आज यानि 18 जनवरी को भव्य कलश यात्रा और मंदिर में प्रभु के प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसे भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है. बता दें कि मंदिर की भव्यता और सुन्दरता इसे और भी अकरसक बनाती है. इसका निर्माण प्राचीन भारतीय शिल्पकला के अनुसार किया गया है, जिसमें नक्काशीदार स्तंभ, भव्य शिखर और भव्य गर्भगृह शामिल हैं.आपको बता दें कि मंदिर का निर्माण पूरी तरह से पारंपरिक शैली में किया गया है, जिसमें संगमरमर और बलुआ पत्थर का उपयोग हुआ है. मंदिर का गर्भगृह अत्यंत सुंदर और भव्य है, जहां भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. अयोध्या के राम मंदिर की तरह यहां भी विस्तृत आंगन, परिक्रमा पथ और कीर्तन सभागार बनाए गए हैं.
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस मंदिर को बनाने में स्थानीय कारीगरों के साथ-साथ देशभर के प्रसिद्ध शिल्पकारों का योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि यह मंदिर न केवल धार्मिक केंद्र होगा, बल्कि यह क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. मंदिर के उद्घाटन के साथ ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है. स्थानीय निवासी और दूर-दराज से आने वाले भक्त मंदिर की भव्यता को देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे हैं. रामनवमी और अन्य धार्मिक अवसरों पर यहां विशेष आयोजन किए जाएंगे. रोहतास जिले के इस ऐतिहासिक स्थल पर निर्मित भव्य राम मंदिर निश्चित रूप से आस्था और संस्कृति का संगम प्रस्तुत करता है. यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र की पहचान को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.