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सर्दी में सेहत का खजाना: मकर संक्रांति पर तिल खाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण

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Treasure of health in winter: Scientific reason behind eating sesame seeds on Makar Sankranti

मकर संक्रांति, भारत का प्रमुख पर्व, न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि इसके साथ जुड़ी परंपराएं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी बेहद खास हैं. इस दिन तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां खाने का रिवाज है. यह परंपरा केवल स्वाद या परंपराओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक कारण भी हैं.

मकर संक्रांति, भारत का प्रमुख पर्व, न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि इसके साथ जुड़ी परंपराएं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी बेहद खास हैं. इस दिन तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां खाने का रिवाज है. यह परंपरा केवल स्वाद या परंपराओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक कारण भी हैं.

तिल को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से इनका पोषण मूल्य और भी बढ़ जाता है. गुड़ आयरन का बेहतरीन स्रोत है, जो सर्दियों में शरीर को ऊर्जा देता है और खून की कमी दूर करता है. इसके साथ ही, यह पाचन को सुधारने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है.

तिल और गुड़ का सेवन सर्दियों में त्वचा को रूखेपन से बचाता है और शरीर को प्राकृतिक नमी प्रदान करता है. इसके अलावा, तिल में मौजूद सेसमिन नामक तत्व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और दिल की सेहत सुधारने में सहायक होता है. आयुर्वेद में तिल को शांति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है, जो मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है.
मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ खाने की परंपरा केवल धार्मिक मान्यताओं तक सीमित नहीं है. यह हमें इस बात की याद दिलाती है कि हमारे त्योहारों की परंपराओं में स्वास्थ्य का ख्याल बखूबी रखा गया है. इस मकर संक्रांति, आप भी तिल-गुड़ की मिठास से सर्दियों को और खास बनाएं.

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