Home बिहार एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल ने रोहतास की स्वास्थ्य सेवाओं को किया प्रभावित

एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल ने रोहतास की स्वास्थ्य सेवाओं को किया प्रभावित

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Strike of ambulance workers affected the health services of Rohtas

रोहतास जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट गहराता जा रहा है। जिले की सभी एंबुलेंस सेवाएं आज पूरी तरह से ठप हो गई हैं, क्योंकि एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस स्थिति ने न केवल जिले के आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बाधित किया है, बल्कि गंभीर रोगियों और दुर्घटनाओं के मामलों में स्थिति और चिंताजनक बना दी है। जिले के एंबुलेंस कर्मी पिछले कुछ महीनों से वेतन और अन्य सुविधाओं को लेकर परेशान थे। नवंबर महीने से जेन प्लस नामक निजी कंपनी द्वारा जिले में एंबुलेंस सेवाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन नई कंपनी के कार्यभार संभालने के बाद से कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। धरने पर बैठे कर्मियों का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण उनके लिए जीवनयापन मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, एंबुलेंस वाहनों की हालत भी दयनीय हो चुकी है। कर्मियों का आरोप है कि महीनों से एंबुलेंस की सर्विसिंग नहीं हुई है, जिससे वाहन जर्जर स्थिति में हैं। ऐसे में मरीजों को सही समय पर अस्पताल पहुंचाना चुनौती बन गया है। एंबुलेंस कर्मी जिले के सदर अस्पताल में स्थित डीपीएम कार्यालय के समीप धरना दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहड़ताल के चलते जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। मरीजों को समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण उन्हें निजी वाहनों या अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो न केवल महंगा है, बल्कि समय पर मदद पहुंचाने में भी असफल हो रहा है। नहीं होतीं, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। दूसरी ओर, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। हड़ताल के चलते जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। मरीजों को समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण उन्हें निजी वाहनों या अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो न केवल महंगा है, बल्कि समय पर मदद पहुंचाने में भी असफल हो रहा है। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और जेन प्लस कंपनी को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। एंबुलेंस कर्मियों की वेतन संबंधी समस्याओं को हल करना और वाहनों की मरम्मत कराना प्राथमिकता होनी चाहिए। हड़ताल लंबी खिंचने पर स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका व्यापक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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