राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के विरोध में अनशन कर रहे हैं. आज उनके अनशन का सातवां दिन है, और उनकी सेहत में गिरावट के चलते उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के अनुसार, प्रशांत किशोर की स्थिति स्थिर है, लेकिन उन्हें चिकित्सा संबंधी कुछ समस्याएं हैं जिनकी गहन जांच की आवश्यकता है. उनकी बिगड़ती सेहत के बावजूद, उन्होंने अनशन जारी रखने का फैसला किया है. डॉक्टरों ने उन्हें अनशन समाप्त करने की सलाह दी है, ताकि उनकी सेहत में सुधार हो सके. बता दें कि प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में कथित पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के विरोध में यह अनशन शुरू किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद, छात्रों और समर्थकों ने विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए और उनकी रिहाई की मांग की. प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग की. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी पेपर लीक मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे छात्रों के बिच निराशा फ़ैल गई है. प्रशांत किशोर ने इस निर्णय पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय की उम्मीद अभी भी बाकी है और वे छात्रों के समर्थन में अपने आंदोलन को जारी रखेंगे. प्रशांत किशोर की बिगड़ती सेहत और अनशन के चलते राज्य सरकार और बीपीएससी पर दबाव बढ़ रहा है. छात्र संगठनों ने भी उनके समर्थन में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. वहीं, बीपीएससी ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. प्रशांत किशोर की इस पहल को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. कुछ राजनीतिक दलों ने उनके आंदोलन का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक स्टंट का नाम दिया है. फिलहाल, सभी की निगाहें प्रशांत किशोर की सेहत और उनके आंदोलन पर टिकी हैं, जो बीपीएससी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग को लेकर जारी है.