महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य को झकझोर देने वाली दो घटनाओं—बीड में सरपंच की मौत और परभणी में पुलिस हिरासत में दलित छात्र की मृत्यु—के जवाब में सख्त कार्रवाई की घोषणा की है। विधानसभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने इन मामलों की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया और पीड़ित परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की।
बीड मामले में कार्रवाई जानिए कैसे करवाई होगा
बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की मौत के मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि:
- इस घटना की न्यायिक जांच और विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दोहरी जांच की जाएगी।
- जिला पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है।
- इस क्षेत्र में अपराधियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मुकदमा चलाने की तैयारी है।
परभणी मामले में कार्रवाई कैसे होगा
परभणी में पुलिस हिरासत में दलित छात्र सोमनाथ सूर्यवंशी की मृत्यु पर मुख्यमंत्री ने इसे “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया।
- पुलिस अधिकारी अशोक घोरबंद को निलंबित कर दिया गया है।
- मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
- स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, की
“भारत के संविधान का अपमान सभी भारतीयों का अपमान है।” वही नेताओं की प्रतिक्रिया और सहयोग के बारे में कुछ खास जानकारी
• एनसीपीएसपी गुट के प्रमुख शरद पवार ने दोनों घटनाओं पर गहरी चिंता जताई और प्रभावित परिवारों से मुलाकात के बाद सावधानीपूर्वक जांच की मांग की।
• मुख्यमंत्री ने पवार द्वारा उठाई गई चिंताओं का समर्थन करते हुए निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया।
वित्तीय सहायता और पीड़ित परिवारों के लिए पहल
• दोनों मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
• पुलिस की भूमिका की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल के आचरण की गहन समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपराध और पुलिस के अत्यधिक बल प्रयोग को लेकर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य में न्याय, कानून व्यवस्था और मानवाधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
“सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अपराधियों को उनके किए की सजा मिले और कानून का पालन करने वाले नागरिकों को सुरक्षा और न्याय प्राप्त हो।”