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वन नेशन, वन इलेक्शन क्या कहता है नया विधेयक और संसद का समीकरण

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What does the new bill and the equation of Parliament

नई दिल्ली: लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन (एक देश, एक चुनाव) विधेयक पेश किया गया, लेकिन इसे पारित कराने के लिए मोदी सरकार को दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। मंगलवार को विधेयक पेश करने के लिए हुए मतदान में सरकार को 269 मत मिले, जबकि विपक्ष को 198 मत। कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने कहा कि सरकार को विधेयक पेश करते समय दो-तिहाई बहुमत का समर्थन नहीं मिला।

विपक्ष की नाराज़गी और क्षेत्रीय दलों की चिंताएं
विपक्ष के नेता का कहना है कि इस विधेयक में वह ‘राष्ट्रवादी सेंटीमेंट’ नहीं है, जैसा अनुच्छेद 370 को हटाने वाले विधेयक में था। उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष इस विधेयक के खिलाफ एकजुट है।

क्षेत्रीय दलों को इस विधेयक से अपने अस्तित्व पर खतरा महसूस हो रहा है। तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियों को डर है कि नरेंद्र मोदी जैसे मजबूत पैन-इंडिया चेहरे के कारण बीजेपी को क्षेत्रीय चुनावों में बड़ा फायदा हो सकता है।

सपा के एक नेता ने कहा: “हमारे पास संसाधन और कैडर सीमित हैं। आम चुनाव और विधानसभा चुनाव साथ होने पर बीजेपी और कांग्रेस को फायदा होगा, जबकि क्षेत्रीय दलों को भारी नुकसान होगा।”

बीजेपी के सामने चुनौतियां
बीजेपी को इस विधेयक पर समर्थन जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पहले जिन क्षेत्रीय दलों (YSRCP, बीजेडी, AIADMK, BRS) ने विवादास्पद बिलों पर बीजेपी का साथ दिया था, वे अब अलग रुख अपना रहे हैं।

विशेष रूप से, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में विधानसभा चुनावों के बाद वाईएसआरसीपी और बीजेडी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि, रामनाथ कोविंद समिति के सामने AIADMK और बीजेडी ने इस विधेयक पर सहमति जताई थी, लेकिन फिलहाल इन दलों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

संसद का नंबर गेम
किसी संवैधानिक संशोधन विधेयक को पास कराने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत और कुल सदस्यों का 50% समर्थन आवश्यक है।

लोकसभा: 543 सदस्यों में से एनडीए के पास 293 सांसद हैं।
राज्यसभा: 245 सदस्यों में एनडीए के पास 125 सांसद हैं।
2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के लिए राज्यसभा में 125 वोट और लोकसभा में 370 वोट मिले थे। लेकिन वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक के लिए स्थिति उतनी अनुकूल नहीं है।

2034 से लागू होने के संकेत
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने का निर्देश दिया है। इस विधेयक के संभावित लाभों पर राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाने का काम बीजेपी को सौंपा गया है।
सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि अगर यह विधेयक पास होता है, तो इसे 2034 से लागू किया जा सकता है।

क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन?
वन नेशन, वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और अन्य चुनाव एक साथ कराए जाएं। सरकार का दावा है कि इससे चुनावी खर्च और प्रशासनिक बोझ कम होगा। हालांकि, इसके लिए संविधान के कई प्रावधानों में संशोधन करना होगा।

निष्कर्ष
वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक को पास कराने के लिए मोदी सरकार को राजनीतिक और संसदीय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। विपक्षी दल और क्षेत्रीय पार्टियां इसे अपने अस्तित्व के लिए खतरा मान रही हैं। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विधेयक पर राष्ट्रीय सहमति कैसे बनाती है।