हरियाणा सरकार ने किसान संगठनों के दिल्ली कूच आह्वान को देखते हुए अंबाला जिले में 14 से 17 दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह कदम डांगडेहरी, लोहगढ़ और सद्दोपुर जैसे संवेदनशील गांवों में संभावित कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। पुलिस ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों पर पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े। ड्रोन के जरिए भी पुलिस कार्रवाई की गई, जिसमें कई किसान घायल हो गए। अब तक 9 किसानों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है। अंबाला एसपी ने किसानों से अनुमति लेकर आगे बढ़ने की अपील की है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया। किसानों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की कमी के चलते, घायल किसानों को निजी वाहनों में ले जाया जा रहा है। किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 101 किसानों का एक जत्था शनिवार को दिल्ली कूच के लिए रवाना होगा। उन्होंने आंदोलन को देशव्यापी समर्थन मिलने का दावा किया और सरकार से 12 मांगों, विशेषकर एमएसपी पर ध्यान देने की अपील की। दिल्ली की सीमाओं पर किसान खराब मौसम के बावजूद डटे हुए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आए किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहे हैं। आंदोलन के 307वें दिन भी केंद्र सरकार की चुप्पी और कृषि मंत्री की निष्क्रियता को लेकर किसानों में आक्रोश बना हुआ है। किसानों के बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार और आंदोलनकारी नेताओं के बीच बातचीत का इंतजार है। आंदोलनकारी नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे दिल्ली की ओर कूच जारी रखेंगे।